बाबा महाकाल के आंगन मैं भक्ति का रंग, रंगपंचमी पर तीन क्विंटल फूलों के रंग मै रंगा महाकालेश्वर मंदिर

धार्मिक नगरी उज्जैनी में रंग पंचमी पर होली पर्व का बड़ा उत्साह देखने को मिला बाबा महाकाल भक्तों संग जिस रंग से होली खेलेंगे. उसको बनाने का कार्य मंदिर परिसर में 24 घण्टे पूर्व से ही शुरू कर दिया गया है. लगभग 5 क्विंटल टेसू के फूलों को उबाल कर केसरिया रंग बनाने की खास तैयारियां मंदिर में चल रही हैं। 

द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक भगवान महाकालेश्वर के दरबार से सभी धार्मिक पर्वों की शुरुआत होती है. रंग पंचमी पर्व की शुरुआत भी भगवान महाकाल के आंगन से हुई. अलसुबह भगवान महाकाल के दरबार के कपाट खोले गए. इसके बाद सबसे पहले भगवान महाकाल को जल, सुगंधित इत्र, दूध, दही, शहद, फलों के रस से स्नान कराया गया.। 

मध्यप्रदेश के इंदौर समेत कई बड़े शहरों में रंगपंचमी की धूम रहती है। इंदौर की प्रसिद्ध रंगपंचमी की गेर तो पूरी दुनिया के पर्यटकों का ध्यान खींच रही है। भोपाल में भी हर साल बड़े पैमाने पर जुलूस निकाले जाते हैं।

महाकालेश्वर मंदिर के पंडित प्रदीप गुरु के मुताबिक भगवान महाकाल के साथ होली खेलने के लिए पंडित और पुरोहित परिवार टेसू के फूलों से रंग तैयार करते हैं. इसके अलावा रंग में चंदन, केसर आदि भी मिलाया जाता है।

भगवान महाकाल को हमेशा से ही प्राकृतिक रंगों से होली खिलाई जाती है. भगवान महाकाल के दरबार से यह संदेश भी दिया जाता है कि लोगों को केमिकल युक्त रंगों के स्थान पर फूलों से बने हर्बल प्राकृतिक रंगों का उपयोग करना चाहिए।

होली खेलने के बाद बाबा का श्रृंगार किया गया. जिसमें भांग, चंदन, आभूषण के साथ सुगंधित पुष्प अर्पित कर शेष नाग, रजत जड़ी रुद्राक्ष माला पहना कर मनमोहक रूप दिया गया. फल मिष्ठान का भोग भी बाबा को लगाया गया।

अब नगर में 10 बजे श्री महाकाल मंदिर से गेर और शाम में भगवान वीर भद्र की सवारी देखने को मिलेगी ।इस बार रंगपंचमी पर लोगों का उत्साह देखने लायक है।

महाकाल मंदिर, सिंहपुरी, कार्तिक चौक और भागसीपुरा से पारंपरिक गेर निकाली जाएगी। भक्त बैंड बाजा और ढोल की थाप के साथ बहादुरी और जीत का प्रतीक ध्वज लेकर निकलेंगे।

पांच दिवसीय उत्सव के दौरान भगवान महाकाल को रंग गुलाल चढ़ाई जाती है. भक्त भी बड़ी संख्या में रंग पंचमी के अवसर पर रंग और गुलाल लेकर पहुंच गए।

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