बम फटने से कांस्टेबल की मौत हो गई – उमेश पाल हत्याकांड में पहली बार।

गैंग ऑफ अतीक के हमले का एक नया वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में उमेश की हत्या को दिखाया गया है और यह 24 फरवरी को हुए नरसंहार का चश्मदीद गवाह है. वीडियो में दिख रही तस्वीरें किसी फिल्म की लग रही हैं और ये बिल्कुल सच हैं. अतीक के गैंग उस समय निर्मम थे जब उन्होंने उमेश और उसके दोस्तों पर दिनदहाड़े हमला किया, जिससे वे मारे गए और खून से लथपथ हो गए। यह वीडियो बेहद विस्फोटक है और उमेश हत्याकांड के बारे में हम जो कुछ भी जानते हैं, उसकी पुष्टि करता है।

24 फरवरी को शाम 4:55 बजे उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित परजराज मंदिर में पूजा-अर्चना की जा रही थी. इसी दौरान बंदूकधारियों ने राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल व उसके दो सरकारी गनर पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. महज 50 सेकेंड के अंदर उमेश पाल की मौत हो गई और इस पूरी घटना का ये वीडियो सामने आया. इस वीडियो में मर्डर का हर एंगल साफ नजर आ रहा है.

उमेश हत्याकांड का ताजा सीसीटीवी फुटेज बेहद विस्फोटक है। यह वीडियो भी 24 फरवरी को हुए नरसंहार का चश्मदीद गवाह है। जो तस्वीरें किसी फिल्म की तरह लग रही हैं वो बिल्कुल सच हैं। इस अपराध को अंजाम देने वाले निर्भीक गुंडों के मन में कानून के प्रति कोई सम्मान नहीं था और उनकी हिंसा इस 50 सेकंड के वीडियो में सभी देख सकते हैं।

कार से उतरते ही शूटर ने फायरिंग शुरू कर दी।

इस वीडियो में देखें कि कैसे उमेश पाल और उनके सरकारी गनर कार से नीचे उतर रहे थे जबकि कैमरा नंबर-3 में मूवमेंट दिखाई दे रहा था, जिसमें से शूटर उतरते और फायरिंग करते दिख रहे थे.

फिर कैमरा नंबर-2 में आप देख सकते हैं कि कैसे उमेश पाल भागने की कोशिश करता है, लेकिन फायरिंग जारी रहती है और इस दौरान उसका सरकारी गनर जमीन पर गिर जाता है। साथ ही, देखें कि एक बमवर्षक कैसे बम चला रहा है।

उमेश शूटर से भिड़ गए, जिससे उन्हें कोई और नुकसान नहीं हुआ।

अगर ज्यादा फायरिंग और बमबाजी होती तो अफरा-तफरी मच जाती और उमेशपाल के मारे जाने की संभावना होती। हालांकि, वीडियो में आप देख सकते हैं कि गोली लगने के बावजूद वह उठ खड़ा होता है और लड़ाई करता रहता है।

इसके बाद शूटर उमेशपाल से भिड़ जाता है, लेकिन वह फिर भी एक डरी हुई लड़की के सामने उसे गोली मारने में कामयाब हो जाता है। यह लड़की फिर डर के मारे गली छोड़कर भाग जाती है। जब उमेश पाल को पता चला कि उसे गोली लगने का खतरा है तो वह खुद को बचाने के लिए घर की ओर भागा।

हालांकि, शूटर ने उसका पीछा किया और फायरिंग शुरू कर दी। जब शूटर खत्म हो गया तो उमेश पाल का गनर राघवेंद्र मदद के लिए अंदर दौड़ा। फिर, गुड्डू, जो पास में खड़ा था, ने राघवेंद्र पर एक बम फेंका, विशेष रूप से एक मुस्लिम के रूप में उसे निशाना बनाया।

बम के प्रहार से सिपाही के कंधे को झटका लगा और वह जमीन पर गिर पड़ा।

इस नए सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि 24 तारीख को प्रयागराज के जयंतीपुर सुलेम सराय की इस गली में क्या हुआ था, जिससे अब पुष्टि हुई है कि कांस्टेबल राघवेंद्र को बम से मारा गया था और विस्फोट हुआ था.

नतीजतन, वह जमीन पर गिर गया, और गेट खोलने वाली लड़की घर में प्रवेश कर गई। अब यह स्पष्ट है कि क्या हुआ, इस नए फुटेज के लिए धन्यवाद।

20 दिनों के बाद भागने में सफल रहे हैं पांच शूटर

यह लघु वीडियो उन घटनाओं का अवलोकन प्रदान करता है जिनमें 50 लोगों की मौत हुई थी। इससे पता चलता है कि जो कुछ हुआ उसके बारे में अभी भी बहुत सारे अनुत्तरित प्रश्न हैं, और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को खोजने के लिए पुलिस को और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।

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