महाकाल के भक्तों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। यदि आप भी महाकाल बाबा के दर्शनों के लिए उज्जैन जाने वाले हैं तो आपको ये खबर जरूर पढ़ लेनी चाहिए।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में अब प्रोटोकॉल के तहत दर्शन करने के लिए जाने वाले दर्शनार्थियों को 250 रुपए का शुल्क चुकाना होगा। मंदिर प्रशासन ने यह व्यवस्था 1 फरवरी से लागू की है।
ये निर्णय सोमवार को देर रात हुई मंदिर समिति की बैठक में लिया गया। हालांकि इस व्यवस्था में कुछ अति विशिष्ट दर्शनार्थियों के लिए दर्शन व्यवस्था निशुल्क ही रहेगी।
आपको बता दें 1 फरवरी यानि इस दिन से ये सुविधा शुरू होने जा रही है। इसमें आपको बता दें जिसके बाद श्री महाकालेश्वर मंदिर में कुछ लोगों को नि:शुल्क प्रवेश मिलेगा।
साधु, संत-महंत, महामंडलेश्वर, शंकराचार्य, पीठाधीश्वर, धर्माचार्य, प्रेस क्लब के सदस्य, अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार (स्वयं) सत्कार व्यवस्था के अंतर्गत निशुल्क शीघ्र दर्शन व्यवस्था से प्रवेश कर सकेंगे।
आपको बता दें इसके अलावा अति विशिष्ट व्यक्ति, जो शासन के प्रोटोकॉल श्रेणी में आते हैं, उन्हें भी पहले की तरह निशुल्क प्रवेश ही दिया जाएगा। इसके विपरीत किसी भी माध्यम से कोई दर्शनार्थी प्रोटोकॉल के तहत दर्शन के लिए आते हैं, उन्हें अब 250 रुपए प्रति व्यक्ति रसीद लेना कंपलसरी यानि अनिवार्य होगा।
प्रोटोकॉल व्यवस्था क्या है
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में अभी तक विभिन्न विभागों को प्रोटोकॉल के माध्यम से दर्शन कराने के लिए कोटा निर्धारित है। इस व्यवस्था के माध्यम से आने वाले श्रद्धालुओं को प्रोटोकॉल के तहत निशुल्क रूप से शीघ्र दर्शन कराए जाते थे।
सामान्य श्रद्धालुओं को देखते हुए लिया फैसला
- मंदिर में प्रोटोकॉल के तहत आने वाले दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ती जा रही थी, जिसके कारण सामान्य दर्शनार्थियों को भी दर्शन के दौरान असुविधा होती थी।
- दूसरी परेशानी ये थी कि जो श्रद्धालु प्रोटोकॉल के तहत व्यवस्था में नहीं आते थे, उन्हें भी निशुल्क दर्शन कराए जा रहे थे।
- साथ ही मंदिर में प्रवेश शुल्क के नाम पर लोगों को ठगने का काम किया जाने लगा था।
इस व्यवस्था के लागू होने के बाद माना जा रहा है कि प्रोटोकॉल से दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कम होगी। वहीं सामान्य श्रद्धालुओं को दर्शन करने में सहजता रहेगी।